GST

  • विश्‍व में जीएसटी सर्वप्रथम फ्रांस में 1954 में लागू हुआ।
  • सर्वप्रथम GST बिल का प्रारूप तैयार करने वाली समिति के अध्‍यक्ष असीम दास गुप्‍ता थे।
  • भारत में जीएसटी 1 जुलाई, 2017 (GST दिवस – 1 जुलाई) को लागू किया गया जो कनाडा देश के मॉडल पर आधारित है।
  • भारत GST लागू करने वाला 161वाँ देश है।
  • GST का पूर्ण रूप – Goods & Service Tax (वस्‍तु एवं सेवा कर) है।
  • GST के लिए 122वाँ संविधान संशोधन बिल 2014 में संसद में प्रस्‍तुत किया गया था।
  • 101वाँ संविधान संशोधन के तहत भारत में GST लागू किया गया।
  • GST अप्रत्‍यक्ष एवं गंतव्‍य आधारित कर है।
  • भारत में GST लागू करने का सुझाव विजय केलकर समिति ने दिया था।
  • GST लागू करने वाला भारत का प्रथम राज्‍य असम (12 अगस्‍त, 2016) तथा अंतिम राज्‍य जम्‍मू-कश्‍मीर (5 जुलाई, 2017) है।
  • GST के अंतर्गत 17 अप्रत्‍यक्ष कर और 23 अधिभार को शामिल किया गया है।
  • GST पंजीकरण संख्‍या में कुल 15 डिजिट है।
  • GSTIN का पहले दो अंक राज्य को निरूपित करता है।
  • GSTIN के अगले 10 अंक करदाता के पैन कार्ड का नंबर होगा।
  • GSTIN का 13वां अंक उस राज्‍य में उस पैन कार्ड के रजिस्‍ट्रेशन का नंबर होगा।
  • 14 वें अंक का अभी कोई इस्‍तेमाल नहीं है. यह Z होगा।
  • GSTIN का अंतिम अंक(15 वां अंक) एक जांच कोड होगा. जो गलतियां पकड़ने के लिए होगा।
  • GST के अंतर्गत निर्धारित की गई दरें पांच प्रकार की है 0%, 5%, 12%, 18%, 28%
  • संविधान में जीएसटी परिषद् को एक नये अनुच्‍छेद-279A में रखा गया है, और इसी में इसके गठन का प्रावधान दिया गया है।
  • GST परिषद् की स्‍थापना 12 सितम्‍बर, 2016 को की गई थी।
  • GST परिषद् का अध्‍यक्ष वित्‍त मंत्री होता है।
  • GST परिषद् में सम्मिलित सदस्‍यों की कुल संख्‍या 33 है।
  • GST परिषद् में राज्‍यों को दो-तिहाई तथा केन्‍द्र को एक-तिहाई वोट अधिकार दिया गया है।
  • GST को तीन भागों में बांटा गया है – CGST, SGST/UTGST और IGST
  • SGST का पूर्ण रूप है – State Goods & Service Tax
  • CGST का पूर्ण रूप है – Central Goods & Service Tax
  • UTGST का पूर्ण रूप है – Union Territory Goods & Services Tax
  • IGST का पूर्ण रूप है – Integrated Goods & Service Tax
  • IGST को संविधान के अनुच्‍छेद-269A में रखा गया है।
  • SGST राज्‍य सरकार तथा CGST केन्‍द्र सरकार लगाती है।
  • दुसरे राज्य में बिक्री पर IGST लागु होता है।

  • शराब, पेट्रोलियम वस्‍तुएं, शिक्षा और स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं को GST से बाहर रखा गया है। 
  • रेलवे में GST खर्च हेतु प्राइमरी युनिट:-
    Source ACS 134
    Revenue Expenditure Capital Expenditure
    CGST 72 63
    SGST 73 64
    UTGST 74 65
    IGST 75 66

  • कुल 15 जीएसटी रिटर्न हैं।
  • GSTR-1 - एक कर अवधि के दौरान किए गए बिक्री लेनदेन के बारे में एक विस्तृत रिपोर्ट है। इसे मासिक रूप से दायर किया जाना चाहिए।
  • GSTR-2A - GSTR-1 रिटर्न में पंजीकृत आपूर्तिकर्ताओं द्वारा दर्ज किए गए डेटा के आधार पर परिलक्षित होता है।
  • GSTR-2 - कर अवधि के दौरान पंजीकृत आपूर्तिकर्ताओं से की गई सभी खरीद की रिपोर्टिंग है। सभी विवरण GSTR-2A से सीधे GSTR-2 में परिलक्षित होते हैं।
  • GSTR-3 - यह एक मासिक सारांश रिटर्न है जिसमें किसी भी कर देयता के साथ सभी बाहरी आपूर्ति, खरीद, इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा किया गया है। यह GSTR-1 और GSTR-2 फाइलिंग के आधार पर स्वतः-जनरेट होता है।
  • GSTR-3B - यह एक मासिक स्व-घोषणा है जिसमें बाह्य आपूर्ति, इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा, कर देयता और करों का भुगतान किया गया है। यह एक मासिक स्व-घोषणा है।
  • GSTR-4 - यदि करदाताओं को कंपोजिशन स्कीम का विकल्प चुना है तो रिटर्न फाइल करना होगा।
  • GSTR-5 - यह एक ऐसा रिटर्न है जिसे गैर-निवासी विदेशी करदाताओं द्वारा दायर किया जाना है जो भारत में व्यापार लेनदेन करते हैं। मासिक रूप से दायर किया जाना है।
  • GSTR-6 -यह एक रिटर्न है जिसे इनपुट सेवा द्वारा मासिक रूप से दर्ज किया जाना है। इसमें आईएसडी द्वारा प्राप्त और वितरित किए गए इनपुट टैक्स क्रेडिट के बारे में विवरण है।
  • GSTR-7 -यह उन लोगों द्वारा दायर किया जाने वाला मासिक रिटर्न है, जिन्हें टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) में कटौती करनी होती है।
  • GSTR-8 - ई-कॉमर्स ऑपरेटरों, जिन्हें स्रोत (TCS) पर कर जमा करना आवश्यक है, उन्हें यह मासिक फाइल करना है। इसमें ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर की गई सभी आपूर्ति और एकत्र किए गए टीसीएस का विवरण होगा।
  • GSTR-9 - जीएसटी के तहत पंजीकृत करदाताओं को यह रिटर्न सालाना देना होगा।
  • GSTR-9A-कंपोजिशन स्कीम के तहत पंजीकृत करदाताओं को सालाना यह रिटर्न दाखिल करना होगा।
  • GSTR-9C- यह एक सामंजस्य है ऐसे करदाता जिनका टर्नओवर हर वित्तीय वर्ष में Rs.2cr से अधिक है, उन्हें फाइल करना है।
  • GSTR-10 - कोई भी कर योग्य व्यक्ति जिसकी पंजीकृत स्थिति को रद्द कर दिया गया है या उसने आत्मसमर्पण कर दिया है, उसे दाखिल करना है।
  • GSTR-11 - यह उन लोगों द्वारा दायर किया जाना है, जिन्हें भारत में अच्छी और सेवाओं की खरीद के लिए GST के तहत रिफंड प्राप्त करने के लिए एक विशिष्ट पहचान संख्या (UIN) जारी की गई है।

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